अपने शहर की तलाश में
शिव प्रकाश नींद में कुछ जोर जोर से बोल रहा था, बगल में लेटी उसकी पत्नी, अनुप्रिया, झटपट मोबइल ऑन करती है और शिव प्रकाश क्या बोल रहा है उसको रिकॉर्ड करने लगती है। क्या पता कुछ राज की बात पता चल जाए। आदमी कई बार नींद में ऐसी बातें बोलने लगता है जो वह जगे हुए में नहीं बोल पाता है।
हौ कका एकटा गीत कह क न, कहुना बाट कटी जेतै।
जनि जाती सब छै संग म, ठीक नै लागै छै। कका, गै बी दहक एकटा गीत, सिंटूआ क मम्मी से हो कहैत छ।
…..हे लागल एती बेर, हे लागल एती बेर,आजू के दिनवा हो दीनानाथ….
कका हौ ई त छठी के गीत छियै।
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