न्यूयॉर्क यात्रा खत्म हो चुकी है। वहां से बहुत सारी यादों को लेकर हम वापस वाशिंगटन पहुंच गए। न्यूयॉर्क से वाशिंगटन आने पर ऐसा महसूस होता है कि आप बुद्ध के शरण में आ गए हैं। एक दम शांत- हर चीज सुसज्जित। यहां की इमारतें अपने आप में सौम्यता को समेटे हुई है।
आज इस पोस्ट में आपका परिचय में इस प्रोग्राम से जुड़े एक और खास पहलू से करवा रहा हूं। इस प्रोग्राम का यह एक मकसद है कि यहां पर आने वाले शिक्षकों को अमेरिकी पारिवारिक व्यवस्था और यहां की संस्कृति को नजदीक से देखने का मौका मिलना चाहिए। इसी अवधारणा के तहत हम सभी शिक्षकों को एक -एक अमेरिकी परिवार के साथ जोड़ दिया गया है। और इसे यहां फ्रेंडशिप फैमिली कहा जाता है। और अमेरिका की पारिवारिक सामाजिक व्यवस्था से रूबरू करवाने का इससे बेहतर उपाय और क्या हो सकता है। जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय में ही एक दिन हम सभी लोगों की मुलाकात अपने फ्रेंडसिप फैमिली से करवाई गई और उसके बाद हमने अपने फ्रेंडसिप फैमिली से मिलकर एक डेट तय किए जिसमें हम उनके घर जा सकेंगे।
Jeff Davis से मेरी मुलाकात फ्रेंडशिप फैमिली मीटिंग के दिन यूनिवर्सिटी में पहली बार हुई थी। हमने अपना शेडूल चेक किया और तय किया कि 8 फरवरी को डिनर के लिए हम मिलेंगे। जेफ जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय में ही काम करते हैं। यहां वे डायरेक्टर हैं एजुकेटर प्रिपरेशन कॉलेज ऑफ एजुकेशन एंड ह्यूमन डेवलपमेंट विभाग में। विश्वविद्यालय में आने से पहले वे किसी प्रसिद्ध स्कूल में प्रिंसिपल रह चुके हैं । उनकी पत्नी जेनिफर इसी विश्वविद्यालय में फाइनेंस विभाग में काम करती हैं। शाम के करीब 4:30 बजे मुझे लेकर जेफ अपने घर पहुंचे। और वहां मेरी मुलाकात उनके बेटे Ben और बेटी Maddie से हुई । Maddie से कुछ ही देर बात हो पाई उसे बास्केटबॉल प्रेक्टिस के लिए जाना था और कुछ ही देर में वर्ल्ड हिस्ट्री के कुछ पहलुओं पर बात की और Maddie ने बताया कि पत्रकारिता में उसकी खास दिलचस्पी है। अभी वह 11वीं में पढ़ रही है, उसे क्या करना है इस बात को लेकर के अभी वह कुछ खास तय नहीं कर पाई है। दिलचस्प बात यह है कि यहां हाई स्कूल में बच्चे फिजिक्स के साथ वर्ल्ड हिस्ट्री भी पढ़ते हैं। अपने कैरियर में लोगों को एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में स्विच करने की एक खास आजादी है यहां।
Ben अभी 7th ग्रेड में ही है, खेलों के अलावा रोबोटिक्स में इनकी खास दिलचस्पी है। घर के बेसमेंट में एक बड़ा सा रोबोटिक्स का लैब जैसा बना हुआ है जिसमें समय मिलने पर जेफ भी बेन के साथ मिलकर अलग-अलग तरह के रोबोट को डिजाइन करते हैं। करीब 1 घंटे तक बेन मुझे अलग अलग तरह का खेल खिलाता रहे, बाद में बेन बता रहे थे कि पहली बार वीडियो गेम खेलते हुए मैंने दूसरों के तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया था। बेन इस बात का भी ध्यान रख रहे थे कि मैं लगातार हारता न जाऊं, बीच-बीच में जीता भी देते थे मुझे। करीब करीब 6:00 बजे ऊपर से आवाज आ गई थी डिनर रेडी है, खेल को बीच में ही छोड़ कर हम शाम के 6:00 बजे जेफ के पूरे परिवार के साथ डिनर करने लगे। डिनर में था -चिकन रोस्ट किया हुआ, ब्रोकली और एक और डिस था जिसका मुझे नाम नहीं पता। डिनर पर अपने देश और वहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में कुछ बातचीत हुई, मैंने अपनी बेटी की तस्वीर इन सबसे साझा की और फिर सबने फोटो खिंचवाई। जेफ को मैंने भारत आने का निमंत्रण दिया। हमारा अगला डिनर उनके साथ होली के दिन है इसके लिए मैंने खास रिक्वेस्ट किया था उनसे। निकलते वक्त बेन थोड़ा सा परेशान हो गए,जिद करने लगे थे कि अभी और खेलना है।
मेरा यह अपना अनुभव रहा है कि अमेरिकी लोग जबरदस्त मेहमानबाजी करते हैं साथ ही एक बेहतर पारिवारिक जीवन में विश्वास करते हैं। जेफ और उनके परिवार से होली के दिन मिलने को लेकर मैं काफी उत्साहित हूं। उसी दिन हमारा एक साथ बास्केटबॉल मैच देखने का भी प्रोग्राम है। जेफ खुद एक बहुत अच्छा बास्केटबॉल खिलाड़ी रहे हैं। खेलों को लेकर के तो पूरे अमेरिका में खास दीवानगी है, मुझे लगता है कि अपने देश की तुलना में यहां शायद ऐसा माना जाता है कि बच्चा पढे या ना पढ़े उसे खेलना जरूर आना चाहिए अपने देश में हम मानते हैं कि बच्चा खेले या ना खेले उसे पढ़ना जरूर आना चाहिए। अपनी व्यवस्था में हम बहुत सारा इंजीनियर, डॉक्टर तैयार करते हैं और अमेरिका अपनी व्यवस्था से ओलंपिक के सारे गोल्ड मेडलिस्ट तैयार कर लेता है।
आज फिलहाल इतना ही अगले पोस्ट के लिए आपको फिर छोड़ता हूं कुछ तस्वीरों के साथ।
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