असफलता और सहजता 

असफलता और सहजता 

Posted on: Sun, 03/26/2023 - 12:45 By: admin

 

 असफलता और सहजता 
 

"संडे डायरी" पिछले सप्ताह हुई किसी घटना पर आधारित होता है और निसंदेह पिछले सप्ताह की सबसे बड़ी घटना यूपीएससी द्वारा दिल्ली सरकार के स्कूल में 334 प्रिंसिपल के नामों का सिफारिश करना है। इस प्रक्रिया से मेरा सीधा वास्ता भी रहा है तो आज का लेख इसी संदर्भ में है!

 

किसी स्कूल के वातावरण के निर्माण में प्रिंसिपल की बड़ी भूमिका होती है और उसी वातावरण में वहां के टीचर और वहां के बच्चे काम करते हैं। निश्चित रूप से यह एक महत्वपूर्ण पद है और जिन साथियों का इस पद पर नियुक्ति के लिए नाम आया है वे सब बधाई के पात्र हैं और उन्होंने एक बेहद कठिन और संघर्षपूर्ण परीक्षा की प्रक्रिया को पास किया है। आने वाले वर्षों में हम मान कर चलते हैं कि हमारे स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई की एक नई संस्कृति देखने को मिलेगी।

 

बहुत सारे लोग परीक्षा की इस प्रक्रिया में असफल भी हो गए हैं, उनमें से एक मैं भी हूँ! लेकिन कुछ मामलों में मेरा असफल हो जाना कुछ खास है।

 

मेरे शिक्षक साथी, मेरे ऑफिसर, मेरे प्रोफेसर, और सभी लोग यह मानकर चलते थे कि मेरा चयन निश्चित है। इनमें से कई लोगों का मेरे पास फोन आया है और ज्यादातर लोग यही कह रहे हैं कि वे शॉक्ड हैं! कई लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि वे मुझे क्या कहें? काफी देर मेरे साथ समय बिताने के बाद एक साथी ने कहा…भैया मुझे बहुत दुख हुआ। कई लोगों ने लिस्ट में मेरा नाम सर्च किया होगा। शायद कभी 'Jha' लिखकर तो कभी 'Murari' लिखकर! एक साथी ने बताया कि मुरारी तो नहीं Murali सर्च हो पा रहा था लेकिन वह किसी और का नाम था। बहरहाल इस पाराग्राफ को लिखने का मकसद यह था कि आप सभी से जिनके साथ मैं काम कर रहा हूँ, चाहे वो मेंटर टीचर साथी हैं, या मेरे स्कूल में है, या मेरे ऑफिसर हैं, मुझे बेपनाह मोहब्बत और सम्मान मिला है। आप सभी लोगों की आकांक्षाओं पर नहीं खड़ा उतरने का थोड़ा दुख तो मुझे है!

 

लेकिन मुझे अपनी योग्यता पर कोई संदेह नहीं है। मैं चाहता हूँ कि जितने भी मेरे साथी इस परीक्षा की प्रक्रिया में अलग-अलग मोड़ पर असफल हुए हैं उन्हें भी अपनी योग्यता पर कोई संदेह नहीं करना चाहिए। आप असफल होने वाले व्यक्तियों को देखिए; वे सब एक से बढ़कर एक शानदार व्यक्तित्व के हमारे शिक्षक साथी हैं। प्रतियोगिता परीक्षाओं में जाहिर सी बात है कि कुछ लोग सफल होंगे और कुछ असफल।

 

महत्वपूर्ण सवाल यह है कि हम असफलता को कैसे देखते हैं। अलग-अलग लोग अलग-अलग तरीकों से  असफलता को समझने की कोशिश करते हैं। मुझ में कुछ कमी है, चयन की प्रक्रिया में कोई खामी है, मेरा भाग्य खराब है, इत्यादि कहकर लोग अपने मन को तैयार करते हैं। मेरी समझ इससे कुछ अलग है। आप अपने आसपास किसी एक ऐसे व्यक्ति को ढूंढिए जिसने अपने जीवन में असफलता नहीं देखा हो! यह संभव ही नहीं है! हम में से प्रत्येक व्यक्ति जीवन में कुछ सफलता और कुछ असफलता हासिल करते हैं। हमारी जीवन यात्रा में यह दोनों कड़ी की तरह एक दूसरे से गुथे हुए हैं। मेरे ख्याल से बहुत महत्वपूर्ण यह है कि हम प्रयास करते रहें; कभी सफलता तो कभी असफलता हमारे हाथ आती रहेगी। लेकिन इन दोनों के बीच कठिन परिश्रम का अनुभव, कुछ सीख पाने की खुशी हमेशा हमारे साथ होगा।

 

किसी घटना को हम कैसे आत्मसाथ करते हैं, उससे कैसे निकलते हैं, यह इस बात पर बहुत निर्भर करता है की बचपन में हमारा व्यक्तित्व किन परिस्थितियों में गढ़ा गया है। मैं ग्रामीण परिवेश में एक खेतिहर परिवार में पला-बढ़ा हूं। 20 साल की उम्र तक के अपनी जीवन यात्रा को मैं एक 'फुल टाइम फार्मर एंड पार्ट टाइम स्टूडेंट' के रूप में परिभाषित करता हूं। ऐसा कई बार होता था की खेत में लहलहाती हुई फसल कभी अधिक बारिश की वजह से तो कभी जंगली पशुओं की वजह से पूरी तरह खराब हो जाती थी। लेकिन हम फिर से फसल बोते थे। अब जब मैं अपने जीवन में रिजिलियन्स की वजह ढूंढता हूं तो उसका जड़ मुझे अपने खेतिहर जीवन में देखने को मिलता है। 

 

कुछ घंटों के लिए थोड़ा सा असहज मैं रहा था। बाकी मैं बिल्कुल सामान्य हूं, हमेशा की तरह उत्साहित हूँ, और यह मानकर चल रहा हूं कि शायद 5 साल बाद मैं यूपीएससी को इस रिजल्ट के लिए धन्यवाद करूंगा कि उसने मुझे एक स्कॉलर के रूप में ग्रो करने का एक और मौका दिया। पढ़ने-लिखने और पढ़ाने का काम पूरी तन्मयता के साथ जारी रहेगा। ऐसे तमाम प्रयोग जिसके लिए ऑफिसर से सहयोग की जरूरत होती है अब और आसान हो जाएगा। अपने जानने-पहचानने वाले कई प्रिंसिपल बन गए हैं तो निश्चित रूप से नए काम को करने में और मदद मिलने की संभावना है।

 

मैं अपने सभी साथियों और प्रशंसकों को एक बार फिर से शुक्रिया अदा करता हूं! आपने जो भरोसा मुझमें जताया यह अपने आप में मेरे लिए एक बड़ी सफलता है।